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क्या भूलें क्या याद रखें - कैसे जीवन का स्वाद चखें
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मनुष्य की सफलता के रहस्यों में स्मृति का महत्वपूर्णं स्थान है। वस्तुतः स्मृति एक मानसिक क्रिया है, जो कि एक विशेष शैली में कार्य करती है। जिसकी चमत्कारिक शक्ति से नये-पुराने अनुभव सुरक्षित किये जाते है और आवश्यकता पड़ने पर स्मृति से ही भूली-बिसरी बातों को याद किया जाता है। स्मरण शक्ति से ही समस्त ज्ञान की सम्पत्ति सुरक्षित रहती है। इसी के माध्यम से शिक्षा, ज्ञानोपार्जन, निपुणता का विकास व सम्बन्धों का ज्ञान रहता है। स्मृति ही विचार सामग्री को प्रदान करती है जिसके फलस्वरूप सभ्य जीवन की प्राप्ति होती है। इसीलिये सबल स्मृति वाले व्यक्ति की हर जगह माँग होती है और इसके विपरीत दुर्बल स्मरण-शक्ति वाले व्यक्ति की उच्चकोटि की बुद्धि की भी उपयोगिता कम हो जाती है।
स्मृति की अद्भुत शक्ति का अनुभव प्रत्येक व्यक्ति को सदैव ही होता रहता है। स्मृतियाँ कई तरह की होती हैं जैसे, आकस्मिक स्मृति, सम्मोहित स्मृति, चित्रात्मक स्मृति, स्वप्निल स्मृति एवं स्थिर स्मृतियाँ। अतः मानव के मस्तिष्क में स्मरण-शक्ति का विशाल भण्डार है उसकी स्थिरता पुनरावृत्ति पर निर्भर है। जैसे-जैसे व्यक्ति तरोताजा मन से किसी विषय-वस्तु के निकट जाता है वैसे-वैसे स्मरण शक्तियाँ प्रबल होती है, इसके विपरीत अनमने मन से किसी विषय-वस्तु से जुड़ने से स्मृति क्षीण होती जाती है। तात्पर्य यह है कि, मस्तिष्क में आवश्यक व जरूरी सूचनाओं और तथ्यों को ही सँजोया जाय तभी तेज स्मरण शक्ति से मस्तिष्क को सटीक ज्ञान व प्रखरता प्राप्त होती है।
क्रमबद्ध पुनरावृत्ति स्मरण शक्ति को उन्नत बनाने की सर्वाधिक सुगम व शक्तिशाली विधा है। इससे अध्ययन की गई विषय-वस्तु से मस्तिष्कीय कोशों में स्थायी ज्ञान प्राप्त होता है। फलतः स्मृति को अक्षुण्ण स्थान प्राप्त होता है और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आत्मविश्वास के साथ अप्रतिम सफलताएँ प्राप्त होती हैं।
क्रमबद्ध पुनरावृत्ति के साथ ही, व्यवस्थित अधिगम दिनचर्या व्यक्ति की मस्तिष्कीय शक्ति में विशेष आयाम जोड़ती है। इन तकनीकों से ग्रहीतसूचनाओं को अवचेतन मन में स्थायित्व प्राप्त होता है। जीवन में सफलता व सरसता प्राप्त करने हेतु क्षणिक परिणाम की चिंता किये बिना, धैर्य से, अपने प्रिय विषयों का अभ्यास करने में संलग्न रहना चाहिये क्योंकि अभ्यास प्रक्रिया से अर्जित ज्ञान की जब भी आवश्यकता होगी, वे सूचनाएँ स्मृति पटल पर तुरन्त आ जाती हैं। इससे मनुष्य की स्मृति का विकास और मानसिक दक्षता का उत्कर्ष होता है। परिणामतः सुदृढ़ इरादों से यदि किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये जो कदम बढ़ते है, तो सफलता मुस्कुराकर स्वागत करने को तत्पर रहती है।
अंततः स्मरण शक्ति प्रकृति द्वारा प्रदत्त, मानव के लिये एक अतुनीय उपहार है। इसी शक्ति से व्यक्ति अपनी सफलता व उन्नति को त्वरित गति से प्राप्त कर, समृद्धि अर्जन की दिशा में बढ़ता है। इसलिये स्वच्छन्द मन से निरीक्षण, अध्ययन और विचार करने का यत्न करना चाहिये। व्यक्ति को अपनी स्मृति की अपरिमित क्षमताओं से सदैव परिचय प्राप्त करना आवश्यक है। व्यर्थ के सोच-विचारों के अपने मानस-पटल से दूर रखें ताकि महत्वपूर्णं विषयों को सुदृढ़ता व स्थायित्व का धरातल प्राप्त हो सकें। तभी स्मृतियों को स्थिरता प्रदान होगी और जीवन सुखद अनुभूतियों का परिचायक होगा।
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